पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है?"शेयर बाजार में पोर्टफोलियो निवेश: बाजार के महत्वपूर्ण तत्व और रणनीतियाँ"
"समय बदलता है, लेकिन जोश और उत्साह हमेशा आपके साथ होना चाहिए, क्योंकि विजय का सफर कभी सीमित नहीं होता।" आज की हमारी इस पोस्ट में हम जानेगे की पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है और जानेगे की पोर्टफोलियो क्यों तथा कैसे करना चाहिए
आजकल 'पोर्टफोलियो' शब्द काफी प्रचलन में है। इसके पहले सामान्य रूप से पोर्टफोलियो की जगह 'बचत' शब्द का उपयोग होता था। व्यक्ति अपनी आय में से भावी आवश्यकताओं एवं सुरक्षा के लिए नियमित रूप से बचत करता रहता है और अपनी इसी बचत को विभिन्न निवेश साधनों में निवेश करता रहता है, ताकि उसकी बचत पर ब्याज के साथ-साथ पूँजी वृद्धि का लाभ भी मिलता रहे। सामान्य शब्दों में कहें तो व्यक्ति की बचत की पोटली ही पोर्टफोलियो है।
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इसमें बचत बैंक, पी. पी. एफ., पोस्ट ऑफिस सेविंग, किसान विकास पत्र, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, आर. बी.आई. बॉण्ड व कॉरपोरेट बॉण्ड आदि का समावेश हो सकता है: जबकि शेयर बाजार में 'पोर्टफोलियो' शब्द का प्रयोग विभिन्न कंपनियों के शेयरों में किए गए निवेश की पोटली से है। अब यह शब्द 'पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज' अर्थात् 'पी.एम.एस. के नाम से प्रचलित हो रहा है।
धन कमाने के साथ उसका व्यवस्थित निवेश करना एक कला है। यदि कोई व्यक्ति इस कला में विफल हो जाए तो उसकी मेहनत की कमाई नस्ट हो जाती है। इस जोखिम से छुटकारा पाने के लिए अब लोग पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस की सहायता लेने लगे हैं। अधिकांश लोगों के पास अपना व्यवसाय या नौकरी करने के बाद खुद का पोर्टफोलियों प्रबंधित करने का समय नहीं बचता और फिर मात्र समय ही एक समस्या नहीं है।
पोर्टफोलियो मैनेजमेंट के लिए उसकी समझ भी होना जरूरी है। आज पूँजी बाजार में विभिन्न प्रकार के निवेश से लोग धनी हो गए हैं। उनकी संख्या में बढ़ोतरी होने के साथ विविधता और जटिलता भी बड़ी है। ऐसे में उसे प्रबंधित करने के लिए विशेष कुशलता की जरूरत पड़ती है। सबसे पहले यह समझने की आवश्यकता है कि पोर्टफोलियो और उसका मैनेजमेंट है क्या?
व्यक्ति को शेयरों का पोर्टफोलियो क्यों तथा कैसे करना चाहिए और उस पर किस प्रकार ध्यान रखना चाहिए? सामान्य भाषा में समझने के लिए हम उदाहरणस्वरुप मान लें कि किसी राजेश शर्मा को पस्कि इश्यू में आवेदन करने पर दो कंपनियों के 300-300 शेयर मिल गए और उसके डीमेट खाते में जमा हो गए। उसके बाद उसने बाजार में दो अन्य कंपनियों के 500-500 शेयर खरीद लिये। बाजार में तेजी का रुझान देखते हुए राजेश शर्मा को ज्यादा शेयर खरीदते रहने का मन होने लगा और उसने पिछले छह महीनों में 8 से 10 कंपनियों के 200 से 2,000 तक शेवर खरीद डाले। इन सब शेयरों को उसने लगभग 3.50 लाख रुपए में खरीदा। बाजार में तेजी रही और उसके पास जमा शेयरों का का बाजार मूल्य बड़कर 5 लाख रुपए हो गया, तो यह कहा जा सकता है कि उसके पास 5 लाख रुपए का पोर्टफोलियो है। इसे राजेश शर्मा का पोर्टफोलियों कहा जाएगा।
इसी प्रकार प्रत्येक निवेशक अपना पोर्टफोलियो तैयार कर सकता है, फिर भले ही उसमें 2 कंपनियों के शेयर हो या 22 कंपनियों के शेयर। कहावत है कि एक ही टोकरी में सारे नही रखने चाहिए, ए. कारण कि यदि टोकरी गिर गई तो सारे बड़े फूट जाएँगे। इसी प्रकार अपनी सारी पूँजी किसी एक कंपनी में निवेश नहीं करनी चाहिए। अच्छा यह होगा कि आप अलग-अलग कंपनियों के थोडे-बोड शेयर खरीदकर अपना पोर्टफोलियो तैयार करे।
इसका कारण यह है कि इस बात की सभावना कम रहती है कि शेयर बाजार की मंदी में आपके सारे शेयर के भाव उतने ही टूट आएँ। आप दोनेके भाव पर सकते हैं तो दो शेयर के भाव बड़ भी सकते हैं। इस प्रकार पोर्टफोलियों में अलग-अलग कपनियों के शेयर रखने में जोखिम कम हो जाती है। पी.एम.एस. नेत्रा दो प्रकार की होती है। एक में आप फंड मैनेजमेंट को अपनी पसंद के शेयर खरीदने बेचने की सूचना देते हैं और फंड मैनेजर भी आपको ऐसी माह देते हैं, जबकि दूसरे प्रकार की सेवा में आपको मैनेजर को मात्र रकम देनी होती है तथा उसको वह किन-किन कंपनियों में निवेश करेगा इसका निर्णय मेनेजर स्वयं करता है |
सबसे पहले यह यह समझना जरूरी है। कि सर्वश्रेष्ठ पोर्टफोलियो तैयार करने का कोई तय फॉर्मूला नहीं है। निवेशकों के बीच अनिश्चितता प्रबल होती है। ऐसे में उद्देश्य होता है जोखिम को कम करना और पोर्टफोलियो से ज्यादा- से-ज्यादा मुनाफा बटोरना। श्रेष्ठ पोर्टफोलियो का मकसद पूँजी की बढ़त और उसकी सुरक्षा होनी चाहिए।
अलग-अलग एसेट श्रेणियों में अपना निवेश बॉटिए, क्योंकि ये अलग-अलग सेगमेंट वक्त बदलने पर अलग-अलग तरह की चाल दिखाते हैं। वित्तीय लक्ष्य या फिर शामिल उत्पादों को लेकर अगर पोर्टफोलियो किसी एक दिशा में ज्यादाहोता है तो यह बुरे वक्त का संकेत है।
कैसे करें आवंटन?
किसी उत्पाद में रकम का कितना हिस्सा लगाया जाए, यह आपकी उम्र, आमदनी की क्षमता, जोखिम सहने का माद्दा और जिम्मेदारियों पर निर्भर करता है। साथ ही कुछ ऐसे सवाल हैं, जो आपको लगातार खुद से करने चाहिए। निवेश से जुड़े आपके लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्य क्या है? क्या आपका निवेश सुरक्षित और लिकृविड है? क्या यह गारंटीशुदा रिटर्न का वादा करता है? ये ऐसे ही कुछ सवाल हैं। जब आप यह तय कर लें कि आपको किस उत्पाद में निवेश करना है तो जानकारों की इन बातों पर गौर किया जा सकता है
इक्विटी पर करें गौर: अगर आप इस बात को सिद्धांत रूप से देखें तो इक्विटी में ज्यादा आवंटन किया जाना चाहिए। अपना पैसा सीधा शेयरों में लगाने के बजाय जानकारों को लगता है कि म्यूचुअल फंड, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस या निजी इक्विटी फंड या फिर इन तीनों के मिश्रण के माध्यम से बाजार में दाखिल होना सही होगा। अपने पोर्टफोलियो का 25-30 फीसदी हिस्सा लार्ज कैप इक्विटी डायवर्सिफाइड
फंड में लगाना चाहिए और सिस्टेमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी एस.आई.पी. को तरजीह दी जा सकती है। डेट: निवेशक डेट आधारित म्यूचुअल फंड के जरिए या फिर प्रतिष्ठित कंपनियाँ तथा ए.ए.ए. रैंकिंग बासी फर्मों के बॉण्ड में निवेश करने पर गौर कर सकते हैं। आपके सामने जो दूसरे विकल्प मौजूद हैं, उनमें एफ.डी. या सरकारी प्रतिभूतियों या फिर इन्कम फंड शामिल हैं। हालाँकि डेट उत्पादों को पोर्टफोलियो में सुरक्षित दाँष माना जाता है, लेकिन अगर आपकी नौकरी में कम वर्ष बचे हैं तो इक्विटी में कम और डेट में ज्यादा निवेश से आपको बाजार की मौजूदा स्थिति में ज्यादा अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना नहीं है।
सोना और रियल एस्टेट सोना और रियल एस्टेट दोनों ही निवेश के बेहतरीन माध्यम हैं. लेकिन निवेशकों को इन सेगमेंट में वित्तीय उत्पादों या डेटिवेटिव्स पर विचार करना चाहिए। गोल्ड ई.टी.एफ. तुलनात्मक रूप से ज्यादा लिक्विड होते हैं और आभूषण सिक्कों को रखने से जुड़े जोखिम से भी छूट दिलाते हैं। रियल एस्टेट फंड में निश्चित लॉक इन अवधि हो सकती है, इसलिए उन पर भी गौर किया जा सकता है।
दोबारा तैयार करें पोर्टफोलियो
शेयर बाजार में गोता लगाने से पहले जिन लोगों ने निवेश कर अपने हाथ जलाए हैं. कुछ टिप्स उनके लिए भी हैं। बाजार से तुरंत भागना सही रास्ता नहीं है। अगर निवेशक अतिरिक्त पैसा दोबारा ला सकता है तो ऐसा करना चाहिए और उस राशि को अलग-अलग श्रेणियों में इस तरह बाँटना चाहिए कि वे बढ़िया रिटर्न दें।
"शेयर बाजार में पोर्टफोलियो निवेश: बाजार के महत्वपूर्ण तत्व और रणनीतियाँ"
शेयर बाजार में पोर्टफोलियो निवेश एक व्यक्ति के धन को विभिन्न शेयरों और संपत्तियों में निवेश करने का एक प्रमुख तरीका है। इसके माध्यम से वे अपने निवेश को विविधता और सुरक्षा के साथ वृद्धि करने का प्रयास करते हैं। यहाँ हम शेयर बाजार में पोर्टफोलियो निवेश के महत्वपूर्ण तत्व और रणनीतियों पर ध्यान देंगे।
महत्वपूर्ण तत्व:
- शेयरों का चयन: शेयरों का चयन करते समय निवेशकों को कंपनी की वित्तीय स्थिति, उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता, और बाजार में उनकी स्थिति का विश्लेषण करना चाहिए।
- विविधता: पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। यह नुकसान को कम करता है और निवेश की सुरक्षा को बढ़ाता है।
- निवेश की अवधि: निवेश की अवधि का चयन भी महत्वपूर्ण है। ध्यान देने योग्य अवधि का चयन करने से निवेशक उच्च लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
रणनीतियाँ:
- विश्वसनीयता: निवेश करने से पहले अच्छे रिसर्च करें और विश्वसनीय स्रोतों से सलाह लें।
- निवेश की राशि: निवेश की राशि को ध्यान में रखते हुए निवेश करें, जिससे निवेशक की आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव न पड़े।
- निवेश की नियमितता: नियमित निवेश करें और निवेश राशि को बढ़ाते रहें, इससे निवेशक की निवेश रणनीति में स्थिरता बनी रहेगी।
इन तत्वों के साथ सही रणनीतियों का अनुसरण करके, निवेशक शेयर बाजार में पोर्टफोलियो निवेश के माध्यम से अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
शेयर बाजार में बेहतर पोर्टफोलियो कैसे बनाया जाता है"
पोर्टफोलियो बनाना शेयर बाजार में एक अहम कदम है जो निवेशकों को उनके निवेशों को संरक्षित और लाभकारी बनाने में मदद करता है। यहां हम शेयर बाजार में बेहतर पोर्टफोलियो बनाने के कुछ महत्वपूर्ण कदमों के बारे में चर्चा करेंगे:
निवेश का लक्ष्य तय करें: पहले तो आपको यह निर्धारित करना होगा कि आपका निवेश का उद्देश्य क्या है। आपका लक्ष्य संचित धन को बढ़ाना, निर्दिष्ट समय में लाभ कमाना या लंबे समय तक निवेश करना हो सकता है।
रिस्क और रिटर्न का विश्लेषण: आपको अपनी वित्तीय स्थिति, लक्ष्य और रिस्क सहिष्णुता के आधार पर निवेश करने की योजना बनानी चाहिए।
विविधता बनाए रखें: अपने पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। एक ही शेयर में निवेश करने के बजाय अलग-अलग क्षेत्रों और कंपनियों में निवेश करें।
विशेषज्ञ सलाह लें: अगर आप नए हैं और शेयर बाजार में अनजान हैं, तो वित्तीय सलाहकार से मदद लें। वे आपको सही निवेश के बारे में सलाह देंगे।
नियमित अद्यतन और मॉनिटरिंग: आपको अपने पोर्टफोलियो को नियमित अद्यतन करना और बाजार की स्थिति का निरीक्षण करना चाहिए।
स्वाधीनता बनाए रखें: आपको अपने निवेश निर्णयों को स्वतंत्रता के साथ लेना चाहिए। दूसरों की सलाह पर ही आधारित न हों।
इन महत्वपूर्ण कदमों का पालन करके, आप शेयर बाजार में एक बेहतर पोर्टफोलियो बना सकते हैं जो आपके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा।
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